Advocate Anjali Awasthi written Update 12th November
Advocate Anjali Awasthi written Update 12th November
Advocate Anjali Awasthi written Update 12th November मे मीनू अनुपमा से कहती है कि सबसे पहले उन्हें सही करने के लिए हमें उनको पूरा ऑब्जर्व करना होगा कि उनका बिहेवियर अभी चल क्या रहा है तो तभी बाला काका कहते हैं कि बेटी मैं बहुत दिनों से अनुज के साथ रह रहा हूं तो उसके जो बिहेवियर है उसके बारे में काफी चीजें तो मैं भी जानता हूं जितने भी आश्रम के लोग हैं सभी एक-एक करके मीनू को बताना स्टार्ट करते हैं कि वो क्या-क्या जानते हैं लेकिन अनुपमा सोच में पड़ जाती है तो मीनू कहती है कि आप किस सोच में पड़ गई हो मामी।
तो वह कहती है कि जो तेरा मामा है ना वनराज वो अनुज का इलाज नहीं करने देगा तुमको जानती हो वो कितना नफरत करता है मुझसे फिर देविका भी कहती है कि हां वो तो पक्का कोई ना कोई तमाशा जरूर करेगा तो मीनू कहती है तो वो कहती है कि मैं एक डॉक्टर हूं मैं उनका दिल हर्ट नहीं करना चाहती लेकिन मैं अपने फर्ज से पीछे नहीं हटूंगा यह मेरा फर्ज है कि एक मरीज को सही किया जाए तो वो उनको समझाती है कि देखो अगर हमें अनुज को सही करना है तो आप उनको ज्यादा से ज्यादा खुश रखने की कोशिश कीजिए।
और उनके दिमाग को बिजी रखो ताकि वो ज्यादा ज्यादा आद्या के बारे में ना सोच पाए और बाकी रही बात वनराज की तो उनको मैं अपने आप संभाल लूंगी उनके बारे में आप मत सोचिए तो ये सुनकर अनुपमा खुश हो जाती है और वो कहती है कि तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया फिर मीनू अपने घर चली जाती है और कहती है कि अगर आपको कुछ भी पूछना हो तो आप मुझे फोन पर पूछ लेना फिर बाला काका अनुपमा के पास आते हैं और कहते हैं कि बेटा मुझे माफ कर देना फिर वो कहते हैं कि अनुज की देखरेख करने की जिम्मेवारी तुमने मुझको दी थी।
और अनुज मेरी नजरों से भाग गया अगर वो आज नहीं मिलता तो मैं अपने आप को कभी भी माफ नहीं कर पाता और वो अनुपमा से माफी मांगने लगते हैं तो अनुपमा उनको कहती है कि देखिए आप मुझसे बड़े भी हैं और आप जो हमारे लिए कर रहे हैं वो बहुत है और मां के होते हुए भी तो बच्चा कितनी बार गिर जाता है तो ऐसा आप मत सोचिए कि आपके कारण कुछ हुआ मुझसे माफी मांग के मुझे शर्मिंदा मत कीजिए हंसने लग जाती है और कहती है कि तुम माफी मांगते अच्छे नहीं लगते बल्कि बाल बनाते हुए अच्छे लगते हो।
तो बाला काका फिर से अपनी वही स्टाइल में बाल बनाते हुए कहते कि अच्छा अच्छा ऐसे बनाते हुए अच्छा लगता हूं ये देखकर इंदिरा जी भी हंसना स्टार्ट कर देती हैं अगली सीने में हम देखते हैं कि मीनू अपने घर वापस जा रही है और उसे बाहर छोड़ने के लिए सागर आता है और इतने में एकदम से सीढ़ियां उतरते हुए उसका पैर अटक कर वो गिरने लगती है तो सागर उसको थाम लेता है फिर वो गिरते गिरते मीनू को बचा तो लेता है और फिर वो मीनू से कहता है कि अरे सॉरी सॉरी मैंने तुम्हें पकड़ लिया।
तो मीनू कहती कि अच्छा अगर तुम नहीं पकड़ते तो मैं गिर जाती और अगर गिरने पर मुझे चोट लगती तो एक तो तुमने मुझे बचाया ऊपर से तुम ही मुझसे सरी मांग रहे हो ये क्या बात हुई तो सागर कहता है कि अरे अगर तुम्हारे मामा ने मुझे देख लिया ना तो वो मुझे यहां जमीन में जिंदा ही काट देगा तो सागर कहता है कि तुम ना तेरे मामा से मुझे बचा लेना आज आपने अनुज को जैसे बचाया है ना वो तो काबिले तारीफ था अब जो आपका मामा है उससे मुझे बचाना कहीं उसने देख लिया तो वो कंस मामा बन के मेरे पीछे पड़ जाएगा तो मीनू हंसने लग जाती है।
वो कहती है कोई बात नहीं अगर मामा आपको कुछ कहेंगी भी तो फिर मैं आपकी फ्री में इलाज कर दूंगी तो वो कहेगा वो मुझे इलाज लायक छोड़ेगा तो है ना फिर वो सागर को बाय कहकर वहां से चली जाती है और जैसे ही व जाती है पीछे से बाला काका भी वहीं आ जाते हैं और फिर आकर वह सागर से कहते हैं अब जो बाला काका है वो सागर को देखकर फिर मुस्कुराना स्टार्ट कर देते हैं अब सागर समझ जाता है कि ये भाई फिर से उसकी टांग क चाई करेगा थोड़ा सा शर्माता हुआ हंसता हुआ वहां से भाग जाता है।
और बाला कहता है कि अब इस आश्रम में प्यार की लहरें उठनी चाहिए दुख की नहीं और फिर अगले सीन में हम देखते हैं कि जो देविका है वो अनुज से मिलने जाती है अब जो देविका है वो बड़ी ही प्यार से और चतुराई से अनुज को समझाना स्टार्ट करती है तो पहले तो वो उसको कुछ खाने को देती है फिर वो कहती है कि तुम हमेशा मुस्कुराया करो तुम हमेशा ये रोधर बन के मत बैठा रहा कर तो अनुज कुछ नहीं बोलता फिर से मंदिर में मिले आज तुम फिर मंदिर में ही एक बार से और मिले हो और उससे बाद तुम शादी में भी मिले थे।