Anupama written Update 12th November
Anupama written Update 12th November
डिंपी की तो भगवान तुम लोगों को बार-बार बार-बार आपस में मिला रहा है ताकि तुम दोनों एक हो जाओ लेकिन तुम बार-बार अलग हो जाते हो फिर वो उसे समझाते हुए कहती कि अनुपमा और तुम दोनों एक ही दर्द से गुजर रहे हो बस फर्क इतना है कि अनुपमा यह सोचती है कि आद्या भी भी जिंदा है और वो उसे ढूंढने की कोशिश कर रही है और तुम पता नहीं क्यों इस दुख में बैठे हो कि वो मर गई है तुम्हें उसे ढूंढना चाहिए।
तो फिर वो कहता है कि वो कैसे हो सकता है तो वो उसे समझाते हुए कहती है कि देखो अंकुश भाई ने तुम्हें कह दिया कि आद्या जिंदा नहीं और तुमने मान लिया तो आद्या इतनी पागल लड़की तो थी नहीं कि वो इतना बड़ा कदम उठा लेती तो तुम्हें उसको ढूंढना चाहिए और मैं तो कहती हूं कि तुम दोनों अनुपमा और तुम दोनों मिलकर उसे ढूंढो तुम तीनों के तीनों अपनी एक नई जिंदगी की फिर से शुरुआत करो तो अनुज कहता है कि तुम हर बार की तरह फिर से अनुपमा के साइड ले रही हो जो देविका है।
वो नाराज होते हुए उसे डांटते हुए कहती है कि तुमने इतने ने छह महीने में कभी सोचा कि अनुपमा के साथ क्या हुआ वो कैसे जी रही है और उस परे क्या बीत रही है बस तुम अपनी ही दुनिया में घूमे जा रहे हो फिर वो उसे बताती कि जिस दिन तुम उससे मिलने आए तो उसी दिन तुम्हारा अकेले का एक्सीडेंट नहीं हुआ था अनुपमा का भी हुआ था और जैसे तुम जिंदगी और मौत से लड़ के बचे हो वैसे ही अनुपमा भी जिंदगी और मौत से लड़ रही थी अब तक तो उसका वो पैर भी सही नहीं हुआ हुआ उस चोट के कारण और वो आज भी सही से चल नहीं पाती जानते हो तुम।
फिर वो कहते कि उसके पैर में अभी भी इतना ज्यादा दर्द है और वो अपना ऑपरेशन नहीं करवा रही जानते हो क्यों क्योंकि उसके पास ऑपरेशन करवाने के पैसे ही नहीं है वो दिल के दर्द से भी लड़ रही है तन के दर्द से भी लड़ रही है और उस परे क्या बीत रही है तुम्हें नहीं पता फिर वो उसे समझाती क्या कि तुम सिर्फ आद्या को खोने के बारे में सोच सोच कर अकेले इसी बात के लिए दुखी हो और अनुपमा चोट के कारण पैर का दर्द भी सहन कर रही है इस आश्रम को संभाल रही है फिर तुम और आद्या को ढूंढ रही थी।
फिर तुम लोगों को बचाने के लिए दुआ भी कर रही थी अब मिल गए हो तुम्हारे बारे को भी तुम्हें भी अच्छा करने के लिए सोच रही है तुम्हारी जिम्मेवारी भी ले रखी है और तुम उसे इतनी ज्यादा नफरत दिखा रहे हो तो उसका दर्द तो तुम सोचो कि वो चारों तरफ से कितने ज्यादा दर्द से घिरी हुई है लेकिन व एक पैर पर चलती हुई भी अभी तक हारी नहीं बल्कि वो लड़ रही है और तुम क्या कर रहे हो तुम उसका दुख कम करने के बजाय उसे नफरत करके और दुख बढ़ा रहे हो तो अनुपमा ये डिजर्व नहीं करती कि तुम उसे नफरत दो तुम उसे प्यार नहीं दे सकते तो तुम उसे नफरत भी क्यों दे रहे हो।
और बल्कि तुम्हें तो उसका साथ देना चाहिए क्योंकि अभी उसे तुम्हारे साथ की सबसे ज्यादा ज ज्यादा जरूरत है फिर तुम दोनों मिलकर अपनी आद्या को ढूंढो जो देविका की बातें हैं वो काफी हद तक अनुज समझ पा रहा है और उसके माइंड के ऊपर असर भी कर रही हैं और फिर देविका भी इमोशनल होकर बहुत ज्यादा रोना स्टार्ट कर देती है और अनुज को अपने गले लगा लेती है और कहती है कि प्लीज तुम यह सब छोड़कर अनुपमा को अपना लो जल्दी से सही हो जाओ क्योंकि अभी तुम्हारे ही सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत है अनुपमा को।
फिर अनुपमा की आंखों से भी आंसू आने स्टार्ट हो जाते हैं और वह अनुज के सामने आ जाती है और अनुज अनुपमा को रोते हुए देख नहीं पाता और वह उसके आंसू तो पहुंच देता है लेकिन उसे कहता कुछ नहीं और वहां से उठकर चला जाता है अगले सीन जाता है वनराज के घर पे जहां पर पूरा परिवार और वनराज इंतजार कर रहा है कि कब मीनू घर आएगी अब जैसे ही मीनू घर जाती है तो देखती पूरे का पूरा परिवार उसके इंतजार में बैठा है अब मीनू इससे पहले के कुछ कहती तभी बा सबसे पहले चिल्लाना स्टार्ट कर देती है।