Anupama written Update 31 October
Anupama written Update 31 October
अनुज के घर में गणपति जी की पूजा के लिए तैयारी हो रही होती हैं और बा भी अनुज के घर आ जाती है और फिर बाकी सभी लोग आ जाते है और कुछ ही समय बाद तोशू भी आ जाता है। और अध्या जाति है वनराज के घर कुमकुम लेने के लिए तो वहां उसको पाखी मिल जाती है और पाखी अध्या से बोलती है कि तुम भी मम्मी के चक्कर में कहां पड़ गई अध्या मम्मी अच्छी नहीं है वह बहुत ही बेकार है तो अध्या कहती है ऐसा कुछ नही है पाखी दीदी मम्मी बहुत अच्छी है अब मैं समझ गई हूं और कुछ समय बाद तुमको भी यह अहसास हो जायेगा क्योंकि मम्मी अपने बच्चो को संवारती है बिगाड़ती नहीं हैं।और पाखी बोलती है अध्या तुम समझ क्यों नहीं रही हो तो अध्या बोलती है कुछ समय बाद आपको भी समझ आ जायेगा।तभी मीनू आ जाति है तो अध्या मीनू से बोलती है कि मीनू दी आप कुमकुम ले आना जब आना अभी मैं जा रही हूं।तभी अध्या चली जाती है और पाखी मीनू से बोलती है और मीनू क्या चल रहा तो मीनू बोलती है कुछ नहीं तो पाखी कहती है अच्छा कुछ नही मैने सब देखा है रोड पर और जो तुम कर रही हो सब पता है कोई कपड़े बदल लेने से ऑटो ड्राइवर से हीरो नहीं बन जाता है।तो मीनू बोलती है जब आपको सब पता ही है तो क्या दिक्कत है मुझे आपको कुछ बताने की जरूरत ही नही है फिर तो इतना बोलकर मीनू चली जाती है ।और उधर तोशू अनुज के घर पहुंच जाता है।और पाखी फिर मीनू और सागर की फोटो तोशू के पास भेज देती है तभी तोशू बोलता है पाखी ने पहली बार अच्छा काम किया है।अब मजा आयेगा पूजा में तभी फिर मीनू की मम्मी आ जाती है तो अनुपमा कहती है डोली जी बहुत दिनो बाद मिल रहे है तो अनुपमा डोली को गले लगाती है और डोली सभी से मिलती है।और फिर अनुपमा से बोलती है ये सब क्या है तो अनुपमा को कुछ समझ नहीं आता है की अनुपमा किस बारे में बात कर रही है।वह पूछती है क्या हुआ क्या बात है अनुपमा लेकिन डोली कुछ बताती नही है बस यही बोलती है की अब मैं अपनी बेटी मीनू को अपने साथ लेकर जा रही हूं। अब नही रहना यहां तभी मीनू का हाथ पकड़कर डोली अपने साथ बाहर लेकर जाती है।लेकिन फिर वहां मीनू रुक जाती है और बोलती है की मम्मी पूजा करके बिना प्रसाद लिए नही जाना चाहिए आप रुकिए मैं प्रसाद लेकर आती हूं। तभी मीनू अंदर आ जाती है और सागर बालाजी से बोलता। है की मैं अनुपमा जी को सब कुछ बता दूं क्योंकि बाद में उनको कहीं और से पता चलेगा तो उनको बहुत बुरा लगेगा तो बालाजी कहते है की अभी वह डोली की बातों से बहुत परेशान है इसलिए अभी मत बताओ और परेशान हो जायेगी इसलिए अभी कुछ भी मत बताओ जब सही समय होगा बाद में तब बता देना।तभी फिर सागर अनुपमा को कुछ नही बताता है।और अनुपमा कुछ सामान लेने जाती है और वह बहुत ही परेशान हो जाती है तो सामान गिरने लगता हैं तभी अनुज बोलता है तुम इतना क्यों परेशान हो इतना मत परेशान हो एक बार डोली से बात करना सब समझ जायेगी इतना मत सोचो बहुत सोचती हो तुम चलो ये सब सामान लेकर सबको देना भी तो है तभी फिर सारा सामान लेकर बाहर जाते है और सबको समान देते हैं।