maati se bandhi dor written Update 31 October

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वैजन्ती ने की रणविजय से मुलाकात

हैलो दोस्तों आज हम देखते है की वैजन्ती की शादी के फंक्शन चल रहे होते है और तभी रणविजय और कावेरी एक साथ होते है तभी वैजन्ती कहती है कावेरी से की तुम तो बहुत ही टैलेंटेड हो।कल तक तुम अनाथ थी और आज मैं अनाथ हूं।तो वैजन्ती कहती है ऐसा नहीं है जैसा तुम सोच रही हो तो कावेरी कहती है तुमने मेरे वीर नानू को भी मुझसे छीन लिया है।

तभी रणविजय कहता है ऐसा नहीं है बेटा मैं तुम दोनों से बराबर प्यार करता हूं तो वैजन्ती कहती है नही आपको हम दोनों में से किसी एक को छोड़ना होगा और मैं जानती हूं आप किसके साथ है तो आप मुझे जाने दीजिए।रूही कहती है हम दोनों साथ नही हो सकते हैं क्योंकि मैं कावेरी से बहुत ज्यादा नफरत करती हूं तो मैं बोलता है तुम दोनो बहेने हो और दोनो मेरे लिए बराबर हो मैं तुम दोनो के साथ हूं।

तो वह कहती है ऐसा नहीं हो सकता है आप रहिए अपनी वैजन्ती के साथ और आज आपने मुझे बता ही दिया की मैं कुछ हूं ही नही आपकी एसलिय मैं जा रही हूं।और मैं अनाथ हूं आज से तभी इतना बोलकर रूही चली जाती है और कावेरी और विजय उसके पीछे जाते है लेकिन वह गाड़ी लेकर निकल चुकी होती है वह दोनो की बातें नहीं सुनती है और चली जाती है।और फिर वैजन्ती उससे से कहती है परनानू आप उसके के साथ रहिए मैं नही चाहती की मेरी वजह से आप दोनो का रिश्ता खराब हो इसलिए आप कावेरी के साथ रहिए प्लीज।

किशोर ने कावेरी को डांटा

तभी किशोर कहता है की नही मैं तुम दोनो के साथ हूं। और अब तक जो हुआ तेरे साथ अब वह नही होगा।मैं तेरे साथ हूं और फिर कहते है की तुम्हारी शादी है कल के प्रोग्राम की तैयारी करो।और ऐसे उदास मत रहो सब ठीक हो जाएगा तभी फिर वैजन्ती वहां से चली जाती है।

फिर मनीष बोलता है की जो अब तक हुआ है अब वह नही होगा तेरे साथ मैं नाइंसाफी नहीं होने दूंगा अब और जो तेरा हक है उसको तुझे दिलाकर रहूंगा मैं अपनी पूरी जिम्मेदारी उठाऊंगा।और मुझे माफ कर देना अक्षू उस दिन तूने कॉल किया था यही बताने के लिए की कावेरी तेरी बेटी है लेकिन मैं ही फोन नही उठा पाया बेटा मुझे माफ कर देना लेकिन मैं अब इस जिम्मेदारी को जरूर पूरा करूंगा।उससे पीछे नहीं हटूंगा फिर कुछ भी हो और ये मेरा वादा है बेटा तुझसे इतना बोलकर मनीष अपने घर जाता है।

जयकांत ने की कावेरी को समझने की कोशिश

और वहां कावेरी किशोर से बोलती है की आज अपने वैजन्ती को छोड़ दिया कावेरी के लिए और उसको पहले से ही यही लगता था की मैं कहीं अकेले न रह जाऊं और आज उसका यही डर सच हो गया और वह सच में उस मीरा की वजह से अकेली हो गई आज वह सच में अनाथ हो गई है ।अपने उसे को बहुत दुख दिया है तो विजय बोलता है की दोनो ही हमारी बच्चियां है।

तो सुमित्रा कहती है केवल कावेरी हमारी बच्ची है जिसको आपने अकेला छोड़ दिया उसको हमेशा से यही डर था की कहीं मैं अकेले ही न रह जाऊं सब मुझसे दूर ना हो जाय और आज उसका ये डर आपने सच साबित कर दिया है।तभी सुमित्रा कहती है अब से मुझे भी आपके साथ नही रहना है मैं अपना सामान लेकर जा रही हूं वह किशोर की कोई बात नही सुनती है और अपना सामान लेकर बाहर चली जाती है रूम से उसी के पीछे रणविजय की बहन जाती है उसको समझती है लेकिन वह कुछ नही समझती है।

किशोर वहां से चला जाता है।

वह कहती है अब मुझे भी नही रहना किशोर जी के साथ इतना बोलकर चली जाती है।और फिर हम देखते है की वैजन्ती बाहर खड़ी कुछ सोच रही होती है तभी वहां वह आ जाता है और बोलता है क्या सोच रही हो तो वह कहती है कुछ नही और फिर वह जाने लगती है तो उसके पैर में कुछ लग जाता हेयर वह उसको निकल देता है और फिर दोनो अगले फंशन की तैयारी करते हैं।

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